हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे Options

Wiki Article



इस बात का ध्यान रखें कि जरूरत से ज्यादा मात्रा में हल्दी का सेवन करना नुकसानदायक भी हो सकता है इसलिए सर्दी या गर्मी कोई भी मौसम हो हल्दी का सेवन हमेशा सीमित मात्रा में ही करें।

हल्दी में एंटी कैंसर इफेक्ट होता है । जो कैंसर के सेल को खत्म करता है । इससे पेट का कैंसर ब्रेस्ट कैंसर आदि में फायदा हो जाता है ।

• हल्दी को चंदन और नींबू के रस में मिलाकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा निखरता है । मुंहासे कम हो जाते हैं ।

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

जानते हैं खाली पेट शहद और हींग को एक साथ देने के फायदे के बारे में...

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सर्कस में काम करने वाले शख्स को आतंकवादियों ने मारी गोली, मौत

एक चम्मच पिसी हुई हल्दी  एक ग्लास गर्म दूध में मिलाकर रोगी की पिलाएं ।

हल्दी स्वास्थ्य के साथ-साथ आपकी स्किन के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। अगर किसी स्किन संबंधित कोई बीमारी, दाद या चर्म रोग है तो उसे हल्दी का प्रयोग करने से फायदा होता है। इसके लिए हल्दी को मक्खन या फिर गोमूत्र में मिलाकर स्किन इंफेक्शन वाली जगह पर लगाने से जल्द फायदा होता है।

खाली पेट शहद के साथ लें ये मसाला, वजन घटाने समेत हो सकते हैं कई फायदे

खून की कमी ये एनीमिया की स्थिति में भी हल्दी के फायदे देखे गए है। एक रिसर्च के अनुसार हल्दी एंटी ऑक्सीडेंट और हिपेटो प्रोटेक्टिव होने के कारण यह एनीमिया में लाभदायक होती है साथ ही आयुर्वेद के अनुसार हल्दी में पाण्डुहर गुण होने के कारण यह पाण्डु यानि एनीमिया की स्थिति में लाभदायक होती है एवं खून बढ़ाने में मदद करती है।

दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शरीर सुडौल बनता है। १ ग्लास दूध में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर सुबह के समय पिएं। इससे शरीर का फैट कम होता है। यह वजन कम करने में सहायक होते है।

कर्क्यूमिन ने मस्तिष्क स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक कार्य का समर्थन करने में वादा दिखाया है। यह याददाश्त में सुधार करने, फोकस बढ़ाने और उम्र से संबंधित संज्ञानात्मक गिरावट से बचाने में मदद कर सकता है। हल्दी का पानी नियमित रूप से पीने से मस्तिष्क स्वास्थ्य और समग्र संज्ञानात्मक कल्याण में योगदान हो सकता है।

यह महत्वपूर्ण है कि हमारे शरीर में बैक्टीरिया की बहुतायत न हो। बैक्टीरिया के सक्रिय हुए बिना आप जीवित नहीं रह सकते। लेकिन अगर बैक्टीरिया की बहुतायत हो गई, तो आप बीमार महसूस करेंगे क्योंकि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उनसे निपटने में बहुत ऊर्जा खर्च करती है। नीम का अलग-अलग रूपों में इस्तेमाल करते हुए, आप बैक्टीरिया को इतना सीमित कर सकते हैं कि आपको उसे संभालने में शरीर की ऊर्जा खर्च न करनी पड़े।

बड़ी-बड़ी आंखें, जुड़ी हुई आईब्रो...हूबहू काजोल की आईना है ये लड़की, इस हमशक्ल को click here देख अजय भी कंफ्यूज होकर बोलेंगे- मेरी बीवी कौन है

Report this wiki page